दिल्ली ब्यूरो । चीन-भारत सीमा गतिरोध जारी है इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि “भारत और चीन के बीच संबंध ‘गंभीर तनाव’ में हैं और संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का पूरी ‘समग्रता’ के साथ ‘निष्ठापूर्वक’ सम्मान किया जाना चाहिए।”
वह आकाशवाणी पर सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान देते हुए बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मौजूदा समय में परिवर्तन का कोई भी एकतरफा प्रयास ”अस्वीकार्य” है। जयशंकर ने सीमा पार से आतंकवाद का भी जिक्र किया और कहा कि भारत को इसका मुकाबला करने के लिए एकजुट होना होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा से सटे क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल ने भारत और चीन के बीच अन्य क्षेत्रों में समन्वय के विस्तार के लिए आधार उपलब्ध कराया लेकिन महामारी सामने आने के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
उन्होंने आगे कहा की ‘भारत और चीन के बीच संबंधों में सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए दोनों देशों को सामने आना होगा और दोनों देशों के समझौतों का पूरी ईमानदारी के साथ निष्ठापूर्वक सम्मान करना होगा । जहां तक वास्तविक नियंत्रण रेखा का संबंध है, एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है।” जयशंकर ने कहा कि उन धारणाओं में परिवर्तन से संबंध अप्रभावित नहीं रह सकते जो इसे रेखांकित करती हैं। उन्होंने कहा कि तीन दशकों तक संबंध स्थिर रहे क्योंकि दोनों देशों ने नयी परिस्थितियों और विरासत में मिली समस्याओ का समाधान किया।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत उभरती वैश्विक व्यवस्था के विभिन्न ध्रुवों को साथ लेते हुए अपने निकट पड़ोसी देशों पर अत्यधिक ध्यान देते रहेगा।गौरतलब है की भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से भी अधिक समय से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है जिससे संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। दोनों पक्षों के बीच राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की कई वार्ताए हो चुकी है लेकिन गतिरोध और तनाव अभी तक समाप्त नहीं हो सके है।
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