बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले में एम्स की रिपोर्ट आने के बाद उनकी हत्या की आशंका पर लगभग अब पूर्ण विराम लग गया है। इस से Shiv Sena ने अपने मुखपत्र सामना में चुटकी लिया है। ‘सामना’ के एक लेख में शिवसेना ने सुशांत सिंह को चरित्र’हीन बता दिया है। जिसके बाद सोशल मीडिया में शिवसेना के इस बयान पर खूब विरोध हो रहा है।
सामना के लेख में उन सभी लोगों पर निशाना साधा गया है, जिन्होंने जांच के नाम पर महाराष्ट्र, मुंबई और ठाकरे सरकार को घेरने की कोशिश की थी। सामना के माध्यम से शिवसेना ने कहा है की सुशांत सिंह राजपूत विफलता को स्वीकार नहीं कर सकते। शिवसेना ने सुशांत को चरित्र’हीन व्यक्ति कहते हुए लिखा कि “सीबीआई ने मुंबई आकर जब जांच शुरू की तब पहले 24 घंटे में ही सुशांत का ‘गांजा’ और ‘चरस’ प्रकरण सामने आ गया था। सीबीआई जांच में पता चला कि सुशांत एक चरित्रहीन और चंचल कलाकार था।”
सामना के इस लेख में दावा किया गया है कि सुशांत को विफलता नही सहा जाता था और वो निराशा से ग्रस्त थे, जीवन में असफलता से वह अपने आपको संभाल नहीं पाया इसी कशमकश में उसने नशीले पदार्थों का सेवन करना शुरू कर दिया और एक दिन फांसी लगाकर अपनी जिन्दगी समाप्त कर ली। यह लेख सोशल मीडिया में खूब शेयर किया जा रहा है और लोगों द्वारा रोष व्यक्त की जा रही हैं।
शिवसेना ने बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पर भी निशाना साधा है। ‘सामना’ में लिखा है कि सत्य को कभी छुपाया नहीं जा सकता। सुशांत सिंह मामले में आखिर यह सच सामने आ चुका है। इस मामले में जिन्होंने महाराष्ट्र को बदनाम किया, उनका वस्त्रहरण हो चुका है। ‘ठाकरी’ भाषा में कहें तो सुशांत आत्महत्या प्रकरण के बाद कई गुप्तेश्वरों को महाराष्ट्र द्वेष का गुप्तरोग हो गया था। 100 दिन खुजाने के बाद भी हाथ क्या लगा? एम्स ने सच्चाई बाहर लाई है।
हालाकि एम्स के बयान को भी संदेहस्मक रूप से देखा जा रहा है , लोगों का कहना है की एम्स की रिपोर्ट गलत है और सुशांत ने आत्मह’त्या नही किया है उसका मर्डर किया गया है .
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